अल्मोड़ा पुलिस ने मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया चिटफंड कंपनी के मेन आरोपी संजय सिंह मेवाड़ा
एक करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का किया पर्दाफाश
अल्मोड़ा। चिटफंड कंपनियों के माध्यम से लाखों लोगों को छलाने वाले आरोपी संजय सिंह मेवाड़ा को द्वाराहाट पुलिस और एसओजी की टीम ने मध्य प्रदेश के शाजापुर से गिरफ्तार किया है। यह आरोपी करीब पांच वर्षों से फरार था और उस पर पुलिस ने पांच हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था। एसएसपी देवेंद्र पींचा ने बताया कि इस गिरफ्तारी के साथ ही फरवरी 2021 में दर्ज इस बड़े धोखाधड़ी मामले में बड़ी सफलता मिली है।
यह मामला 2014 से जुड़ा हुआ है, जब नर्मदा कैंपस, दुर्गेश विहार कॉलोनी भोपाल में स्थित तीन कंपनियां — साई राम बिलटेक लिमिटेड, श्री राम मल्टी प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड और अनन्या आरटीएम सेल एंड मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड — मेन मार्केट बग्वालीपोखर, द्वाराहाट में कार्यालय खोल कर अवैध गतिविधियां कर रही थीं। इन कंपनियों के नाम पर लोगों को निवेश के लिए फंसाया जाता था।
पीड़ित प्रकाश सिंह, जो चमना छानागोलू के निवासी हैं, ने द्वाराहाट थाने में दी गई तहरीर में बताया कि उक्त कंपनियों का संचालन संजय सिंह मेवाड़ा के नेतृत्व में किया जा रहा था। मेवाड़ा इन कंपनियों का मैनेजर था, जबकि दीपक कुमार (गुरुग्राम) और मोहम्मद हुसैन (नूह) निदेशक के पद पर थे। आरोप है कि चारों आरोपियों ने कंपनी के फर्जी दस्तावेज और रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र दिखाकर लोगों को विश्वास में लेकर निवेश के लिए राजी किया।
प्रकाश सिंह ने बताया कि उन्होंने और अन्य सैकड़ों निवेशकों ने झांसे में आकर इन कंपनियों में लगभग एक करोड़ रुपये से अधिक की रकम लगाई। अगस्त 2017 में अचानक इन कंपनियों ने अपना सॉफ्टवेयर बंद कर दिया और निवेशकों को ठगा गया। इस पर प्रकाश सिंह ने फरवरी 2021 में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
पुलिस ने लगातार छापेमारी और जांच के दौरान मुख्य आरोपी संजय सिंह मेवाड़ा की तलाश की, जो पांच वर्षों से फरार था। हाल ही में द्वाराहाट पुलिस और एसओजी की संयुक्त कार्रवाई में उसे मध्य प्रदेश के शाजापुर से गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी को कानूनी प्रक्रिया के तहत न्यायालय में पेश किया जाएगा।
एसएसपी देवेंद्र पींचा ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी अज्ञात कंपनी में बिना जांच-पड़ताल के निवेश न करें और किसी भी प्रकार की वित्तीय धोखाधड़ी की सूचना तुरंत पुलिस को दें ताकि ऐसे अपराधियों को जल्दी गिरफ्तार किया जा सके और आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
