अब हो जाईये सावधान जुलाई से होंगे प्रभावी तीनों नए आपराधिक कानून
भीड़ हिंसा और सामूहिक दुष्कर्म में अब मिलेगी फांसी की सजा
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को अधिसूचनाएं जारी करते हुए कहा कि देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलने के लिए बनाए गए तीनों नए आपराधिक कानून एक जुलाई से प्रभावी होंगे। । इन कानूनों के प्रभावी हो जाने के बाद भीड़ हिंसा या सामूहिक दुष्कर्म जैसे अपराधों में फांसी की सजा हो सकती है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी तीन अधिसूचनाओं के अनुसार, भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे।
अभी तक हत्या में 302 धारा लगती थी भारतीय न्याय संहिता में अब धारा 101 के तहत दंड का प्रावधान है। वही हत्या के प्रयास के लिए आईपीसी में धारा 307 थी नए कानूनों के तहत अब धारा 109 में सजा का प्रावधान है। इसी प्रकार आईपीसी में धोखाधड़ी या ठगी से जुड़ा अपराध 420 के तहत आता था। नए कानून में यह धारा 316 है। दुष्कर्म की धारा 376 भी बदली आईपीसी में दुष्कर्म मामले में धारा 376 के तहत सजा का प्रावधान था। न्याय संहिता में इससे जुड़े अपराध को धारा 63 में परिभाषित किया गया है। सामूहिक दुष्कर्म को आईपीसी की धारा 376 डी नए कानून में धारा 70 में शामिल है।
