सेना से रिटायर लेफ्टिनेंट कर्नल को ठगों ने किया शिकार, बैंक कर्मियों की सजगता से बची 17 लाख की रकम
हल्द्वानी। आवास विकास कॉलोनी में रहने वाले एक 84 वर्षीय रिटायर लेफ्टिनेंट कर्नल को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट करके भारी रकम की ठगी का प्रयास किया। ठगों ने खुद को सीबीआई अफसर बताते हुए उनके खिलाफ घोटाले के आरोप में कोर्ट नोटिस होने की बात कहकर 17 लाख रुपये की मांग की। इन ठगों के झांसे में आए बुजुर्ग ने अपनी एफडी तुड़वा कर रकम जुटाई, लेकिन बैंक कर्मियों की सतर्कता ने उन्हें इस ठगी से बचा लिया।
1993 में बरेली से रिटायर हुए इस बुजुर्ग को बुधवार को फोन पर एक कॉल आई, जिसमें खुद को पोस्टल एंड टेली कम्युनिकेशन (पीएंडटी) विभाग का कर्मचारी बताते हुए बड़े घोटाले की बात कही गई। पहले तो इसे सामान्य बात समझकर उन्होंने ध्यान नहीं दिया, लेकिन शाम को आई अगली कॉल ने उनकी चिंता बढ़ा दी। कॉल करने वाले ने उनके नंबर को सर्विलांस पर डालने की धमकी दी, जिसके बाद वे पूरी रात बेचैनी में रहे।
बृहस्पतिवार को वीडियो कॉल पर खुद को सीबीआई अफसर बताते हुए ठग ने उन्हें बताया कि उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। इसके बाद उन्हें एक फर्जी कोर्ट नोटिस भेजा गया, जिसमें उनके खिलाफ अरेस्ट करने की बात कही गई। डर के मारे वे पूरी तरह से प्रभावित हो गए और फिर उन्हें निर्देश दिया गया कि वे बैंक जाकर खाता स्टेटमेंट और एफडी की डिटेल व्हाट्सएप पर भेजें।
जब बैंक में पैसे ट्रांसफर करने की बारी आई, तो बैंक कर्मियों को उनके चेहरे पर भय और असमंजस नजर आया। कर्मी विनोद जोशी ने स्थिति को भांपते हुए उन्हें समझाया और इस मामले को बैंक के मुख्य प्रबंधक मिहिर बहादुर सिंह तक पहुंचाया। प्रबंधक ने बुजुर्ग को पूरी तरह से समझाया, और उनके डर को दूर करने में मदद की। बाद में, बुजुर्ग ने साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत की, जिससे उनकी रकम ठगों से बच गई। बैंक कर्मियों की सतर्कता और सूझबूझ ने साइबर ठगी के प्रयास को नाकाम किया ।
