नकल माफिया का बड़ा भंडाफोड़: सीबीएसई परीक्षा में नकल कराने वाले शातिर गिरफ्तार, एक लाख रुपए और नकली दस्तावेज बरामद
देहरादून – सीबीएसई द्वारा आयोजित सुप्रीटेंडेंट परीक्षा में नकल के धंधे का बड़ा खुलासा हुआ है। हल्द्वानी के एक परीक्षा केंद्र में नकल के मामले में शामिल एक शातिर युवक को गिरफ्तार किया गया, जो किसी अन्य उम्मीदवार के स्थान पर परीक्षा दे रहा था। पुलिस ने इस पूरे गिरोह के संचालन को उजागर किया और इसके बाद एक और आरोपी, जो इस धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड के रूप में काम कर रहा था, को भी गिरफ्तार किया।
20 अप्रैल 2025 को सीबीएसई की परीक्षा के दौरान, परीक्षा केंद्र के अधिकारी को एक संदिग्ध परीक्षार्थी के बारे में जानकारी मिली। उसकी जांच और पूछताछ के बाद यह सामने आया कि युवक गौतम कुमार पासवान की जगह आयुष कुमार पाठक परीक्षा दे रहा था। इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई शुरू की और आयुष कुमार पाठक को गिरफ्तार किया।
आयुष कुमार पाठक ने पुलिस के सामने यह स्वीकार किया कि उसने पहले भी इस तरह की नकल में भाग लिया था और कई प्रतियोगी परीक्षाओं में ऐसा करने के लिए उसे मोटी रकम मिली थी। उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने पूरे मामले की गहन जांच की और पाया कि यह मामला एक बड़ा नकल गैंग से जुड़ा हुआ है। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी प्रणव कुमार, जो बिहार का रहने वाला है, इस नकल रैकेट का मास्टरमाइंड है। प्रणव कुमार पहले भी इस तरह की कई घटनाओं को अंजाम दे चुका था और बड़ी रकम वसूल करता था।
आरोपी आयुष कुमार पाठक ने बताया कि उसे परीक्षा में किसी और के स्थान पर बैठने के बदले तीन लाख रुपये का लालच दिया गया था, और वह पहले भी बिहार और झारखंड के कई छात्रों को नकल करवा चुका था। इस बार गौतम कुमार पासवान से उसे 10 लाख रुपये में सौदा किया गया था, जिसमें से एक लाख रुपये पहले ही दिए जा चुके थे।
पुलिस ने आयुष कुमार पाठक से एक लाख रुपये नकद, तीन मोबाइल फोन, एक पैन कार्ड और प्रवेश पत्र भी बरामद किया। इस गिरोह में अब तक तीन आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि मुख्य आरोपी गौतम कुमार पासवान फरार है और उसकी तलाश जारी है।
गिरफ्तार आरोपी:
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आयुष कुमार पाठक – निवासी, सोनभद्र, उत्तर प्रदेश, उम्र 22 वर्ष
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प्रणव कुमार – निवासी, नालंदा, बिहार, उम्र 46 वर्ष
वांछित आरोपी:
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गौतम कुमार पासवान – निवासी, धनबाद, झारखंड, उम्र 36 वर्ष
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से एक लाख रुपये नकद, तीन मोबाइल फोन, पैन कार्ड, और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए हैं। पुलिस द्वारा की गई इस त्वरित कार्रवाई ने नकल माफिया के इस रैकेट को नष्ट कर दिया और शिक्षा व्यवस्था में इस तरह की धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संदेश दिया।
