Spread the love

हरिद्वार नगर निगम जमीन घोटाले की जांच में तेजी, विजिलेंस ने बैंक और पटवारी से जुटाए अहम सुराग

हरिद्वार। नगर निगम हरिद्वार द्वारा किए गए करोड़ों रुपये के बहुचर्चित भूमि खरीद घोटाले की जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। बुधवार को सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) की टीम ने हरिद्वार में डेरा डालते हुए घंटों तक दस्तावेजों की गहन छानबीन की और एक पटवारी से लंबी पूछताछ की। टीम की अचानक कार्रवाई से नगर निगम कार्यालय में हड़कंप मच गया।

सूत्रों के अनुसार, जांच के दौरान खुलासा हुआ है कि इस घोटाले से जुड़े चार बैंक खातों में करीब 34 करोड़ रुपये की धनराशि फ्रीज की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त, करोड़ों रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) भी उजागर हुई हैं, जिनकी विस्तृत जानकारी विजिलेंस जुटा रही है।

बुधवार को विजिलेंस टीम ने भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में जाकर संबंधित खातों व लेनदेन से जुड़े दस्तावेज खंगाले और कई जरूरी फाइलें अपने कब्जे में लीं। बताया जा रहा है कि बैंक में जमा अधिकांश धनराशि पहले ही फ्रीज कर दी गई थी।

गौरतलब है कि हरिद्वार नगर निगम ने गांव सराय में कूड़ा निस्तारण केंद्र के विस्तार हेतु करीब 33 बीघा जमीन 54 करोड़ रुपये में खरीदी थी। आरोप है कि इस भूमि की खरीद प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं हुईं। प्रमुख आरोप यह है कि कृषि भूमि का लैंड यूज बदलकर उसे व्यावसायिक घोषित किया गया, जिससे जमीन का सर्किल रेट 6000 रुपये प्रति वर्ग मीटर से बढ़कर 25000 रुपये प्रति वर्ग मीटर हो गया। इस हेरफेर के चलते सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे। इसी क्रम में पहले ही तत्कालीन जिलाधिकारी कमेंद्र सिंह, एमएनए वरुण चौधरी, एसडीएम अजयवीर सिंह सहित 12 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है।

विजिलेंस की टीम पहले भी नगर निगम कार्यालय पर छापेमारी कर चुकी है। दो दिन पहले जमीन से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए थे। बुधवार को एक टीम ने बैंक शाखा में जांच की, जबकि दूसरी टीम विवादित भूमि स्थल सराय पहुंची और मौके की स्थिति का जायजा लिया।

जानकारी के अनुसार, विजिलेंस ने कई बैंक खातों और एफडी से संबंधित जानकारियों को कब्जे में ले लिया है। अधिकारियों का मानना है कि आगामी दिनों में इस घोटाले से जुड़े और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं, जिससे इसमें संलिप्त अन्य लोगों की भूमिका उजागर हो सकती है।


Spread the love