उत्तराखंड में स्कूल प्रवेश के नियमों में संशोधन, 1 जुलाई तक 6 वर्ष की आयु पूरी करने वाले बच्चों को ही मिलेगा कक्षा 1 में प्रवेश
देहरादून। उत्तराखंड शासन ने नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम 2009 के तहत राज्य में लागू नियमों में महत्वपूर्ण संशोधन किया है। अब प्रदेश में कक्षा 1 में प्रवेश के लिए बच्चे की आयु 01 जुलाई तक न्यूनतम 6 वर्ष पूरी होना अनिवार्य कर दिया गया है। शासन ने 13 जून 2025 को यह अधिसूचना जारी की है।
इस संशोधन के अनुसार, यदि कोई बच्चा 6 वर्ष की आयु 1 जुलाई के बाद पूरी करता है, तो उसे उसी वर्ष कक्षा 1 में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। पहले यह सीमा 31 मार्च तक थी। अब इसे बढ़ाकर 01 जुलाई कर दिया गया है, जिससे अधिक बच्चों को तैयारी का समय मिलेगा और शिक्षा का स्तर बेहतर होगा।
प्री-स्कूल शिक्षा को भी किया गया अनिवार्य
अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया गया है कि बच्चों के लिए पूर्व-प्राथमिक शिक्षा (प्री-स्कूल, नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी आदि) का चरणपूर्व अध्ययन अब अनिवार्य माना जाएगा। विद्यालयों को यह सुनिश्चित करना होगा कि कक्षा 1 में प्रवेश लेने वाले बच्चे कम से कम तीन साल की पूर्व-प्राथमिक शिक्षा प्राप्त कर चुके हों।
विद्यालयों को करना होगा पालन
शासनादेश में कहा गया है कि अब कोई भी विद्यालय अपने स्तर पर पूर्व-प्राथमिक शिक्षा को दरकिनार नहीं कर सकेगा। साथ ही दिव्यांग बच्चों के प्रवेश के लिए विशेष व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी, जिससे वे भी तय समय पर प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण कर सकें।
बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव रवीनाथ रमन द्वारा डिजिटल हस्ताक्षरित इस आदेश के तहत सभी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे 2025-26 शैक्षिक सत्र से इन संशोधित नियमों को सख्ती से लागू करें।
