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नेपाल के नारायणी नदी में छोड़ा 5 लाख क्यूसेक पानी, 13 गांव कराए खाली

कुशीनगर में बाढ़ का अलर्ट, श्रावस्ती के 18 गांव के करीब 400 ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया

पूर्वांचल में हो रही भारी बरसात से स्थितियां बिगड़ती जा रही हैं, इसी बीच नेपाल से सटे तराई जिले में स्थिति अब और बिगड़ गयी क्योंकि नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद शनिवार रात अचानक पांच लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने से श्रावस्ती और कुशीनगर में बाढ़ में फंसे 87 लोगों को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर सुरक्षित निकाला गया है। कुशीनगर और महराजगंज में नेपाल से आने वाली नदियां उफना गई हैं। जिसके बाद नदी का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है।

नेपाल बार्डर के वाल्मीकि बैराज से गण्डक नदी में 5 लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज शनिवार को हुआ। जिसको देखते हुए जिला और तहसील प्रशासन हाई अलर्ट पर है। वहीं वाल्मीकिनगर बैराज से छोड़े जाने के कारण नदी का जल स्तर अचानक बढ़ने लगा है। जिससे नदी के आसपास बाढ़ का खतरा बढ़ गया।

पानी छोड़े जाने की सूचना रात्रि 8 बजे राज्य सरकार को मिली इसके बाद बचाव कार्यों की तैयारी हुई और आधी रात से 3 बजे तक आपरेशन चला। 13 गांव खाली कराए गए। कुशीनगर में बाढ़ में फंसे 20 मवेशियों को भी बचाया गया। रविवार को भी बाढ़ प्रभावित 18 गांव के लगभग 400 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।

राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि शनिवार रात करीब आठ बजे राज्य स्तरीय इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर को श्रावस्ती के तहसील जमुनहा की ग्राम पंचायत गजोभरी के ग्राम मोहनपुर भरथा एवं केवटन पुरवा में नेपाल से अचानक छोड़े गये पानी में 11 लोगों के फंसे होने की सूचना मिली, जिसमें तीन बच्चे, पांच महिलाएं और 3 पुरुष शामिल थे। सूचना मिलते ही तत्काल श्रावस्ती जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी को जानकारी दी गयी। जिलाधिकारी अपनी टीम के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए मौके पर पहुंचे।

जिला प्रशासन एवं फ्लड पीएसी की टीमों ने ज्वॉइंट रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और लगभग आठ घंटे की कड़ी मेहनत के बाद सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इसके बाद सभी का चिकित्सकों की टीम द्वारा प्राथमिक उपचार भी कराया गया। साथ ही सभी पीड़ितों को राप्ती बैराज स्थित गेस्ट हाउस में पहुंचाया गया। देवीपाटन मंडल के आयुक्त शशि लाल भूषण सुशील ने बताया कि सभी पीड़ितों का प्राथमिक उपचार और खाना खिलाने के बाद उन्हे उनके गांव में सुरक्षित भेज दिया गया।

उन्होंने बताया कि रेस्क्यू के दौरान करिका 10 वर्ष, मिन्नी 12 वर्ष, रीता 25 वर्ष, शेरू 8 वर्ष, अर्चना 17 वर्ष, कमला देवी 40 वर्ष, शान्ति देवी 50 वर्ष, सकटराम 18 वर्ष, रेखा देवी 28 वर्ष, नन्दन 30 वर्ष और राम उजागर 50 वर्ष को सुरक्षित निकाला गया। वहीं रविवार को बाढ़ से प्रभावित 18 गांव के करीब चार सौ लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है, जहां पर उन्हे पौष्टिक और गरम खाने के साथ अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार सुबह तड़के नेपाल से छोड़े गये पानी से प्रभावित श्रावस्ती और कुशीनगर के जिलाधिकारियों से बातचीत कर स्थिति की जानकारी हासिल की। उन्होंने सीएम को बताया कि रेस्क्यू कर 87 लोगों के साथ 20 मवेशियों को भी बचाया गया है। इस पर सीएम योगी ने सभी जिलाधिकारियों को बाढ़ के पानी से क्षतिग्रस्त फसल का 24 घंटे के अंदर सर्वे कराकर शासन को रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिये। इसके अलावा उन्होंने शासनस्तर के अधिकारियों से बात कर क्षतिग्रस्त फसलों की रिपोर्ट मिलते ही तत्काल मुआवजा देने का आदेश दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रभावित जिलों के अधिकारी क्षेत्र का भ्रमण कर राहत कार्य पर नजर रखें और प्रभावित लोगों को मदद प्रदान करें।


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