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अमेरिका ने नेपाली अवैध प्रवासियों को सम्मानपूर्वक वापस भेजा, भारतीय प्रवासियों के साथ अमानवीय व्यवहार का उठाया सवाल

अमेरिका ने हाल ही में 9 नेपाली अवैध प्रवासियों को उनके देश वापस भेजा। दिलचस्प बात यह है कि इन प्रवासियों के हाथों में न तो हथकड़ियाँ थीं और न ही पैरों में बेड़ियाँ। वे काठमांडू के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बिना किसी तकलीफ के और खुशी से उतरे। उनका यह स्वागत और सम्मानजनक वापसी एक बड़ा संकेत देता है कि अमेरिका ने उन्हें उचित सम्मान दिया, जबकि इसके ठीक विपरीत भारतीय अवैध प्रवासियों के साथ बेहद अमानवीय व्यवहार किया गया।

भारतीय अवैध प्रवासियों को अमेरिका ने हथकड़ियाँ और बेड़ियाँ पहनाकर सेना के विमान से उनके देश भेजा। इन प्रवासियों को घंटों तक एक ही स्थान पर बिठा कर रखा गया, उन्हें न तो शौचालय जाने की अनुमति थी और न ही पर्याप्त पानी और भोजन दिया गया। उनके साथ महिलाओं, बच्चों और वृद्धों के साथ भी कोई विशेष दया नहीं दिखाई गई। इस सख्त और अमानवीय व्यवहार को लेकर देशभर में भारी आक्रोश है।

इस घटना के बाद विपक्ष ने सवाल उठाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के साथ रिश्तों में मजबूती की बात करते हैं और ट्रंप से मित्रता का दावा करते हैं, फिर भी भारतीय अवैध प्रवासियों के साथ किए गए अमानवीय व्यवहार पर उन्होंने कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी? कांग्रेस ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें इस मामले में शर्म आनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने अमेरिका के व्यवहार पर चुप्पी साध रखी है।

उधर, कोलंबिया ने भी अमेरिकी विमान को अपनी ज़मीन पर उतरने की अनुमति नहीं दी था, जिसके बाद अमेरिका ने कोलंबिया के नागरिकों को सम्मानपूर्वक वापस भेजने के लिए अपने विमान भेजे। भारत और नेपाल के मामलों में यह असमानता और भेदभाव साफ दिखाई दे रहा है।

यह सवाल अब देशभर के नागरिकों के बीच चर्चा का विषय बन गया है, और उन्हें यह समझने में दिक्कत हो रही है कि आखिर भारतीय नागरिकों के साथ ऐसा भेदभाव क्यों किया गया?


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