हल्द्वानी:- चार्टर्ड अकाउंटेंट,अधिवक्ताओं और ग्रामीणों की केंद्रीय बजट पर राय, बजट में आम आदमी के लिए क्या है खास
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को 2024 के लिए अंतरिम बजट की घोषणा की। अपने भाषण में, एफएम सीतारमण ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले दस वर्षों में रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 2.4 गुना तक बढ़ गई है और केंद्र करदाताओं की “उनके समर्थन के लिए” सराहना करता है।अप्रत्यक्ष करों के लिए, सीतारमण ने कहा कि माल और सेवा कर (जीएसटी) ने अनुपालन बोझ को कम कर दिया है। जीएसटी का कर आधार दोगुना से अधिक हो गया है और औसत मासिक सकल जीएसटी संग्रह इस वर्ष लगभग दोगुना होकर 1.66 ट्रिलियन रुपये हो गया है।
केंद्रीय बजट को लेकर एक्सपर्ट्स की अलग-अलग राय है हल्द्वानी के वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट रोहित कांडपाल का कहना है कि आज के बजट में भारत योजना का लाभ और गरीब परिवार के साथ आशा एवं आंगनबाड़ी वर्कर्स को भी मिलेगा। इसके अंतर्गत ऽलाख रुपए तक का इलाज मिलेगा। मध्यम वर्ग के लिए पीएम आवास योजना ग्रामीण के तहत 3 करोड़ आवास बनाए जाएंगे इनमें दो करोड़ आवास अगले 5 वर्ष में बनाए जाएंगे। और इस बार के बजट में टैक्स रेट में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है यह पिछले साल की तरह ही रहेगा। और पेशेवर लोगों की ऑडिट की सीमा 50 लाख से बढ़कर 75 लाख कर दी गई है।
वरिष्ठ अधिवक्ता दीपक बिष्ट का कहना है कि इस बार नए टैक्स स्लैब में स्टैंडर्ड डिटेक्शन 5 लाख मिलेगी जो कि पिछले सालों में नहीं मिलती थी इसके अलावा पुराने आउटस्टैंडिंग डायरेक्ट टैक्स डिमांड को वापस लिया जाएगा । इसमें वित्तीय वर्ष 2010 तक 25000 और वित्तीय वर्ष 2011 से 2015 तक के लिए 10000 तक के मामले शामिल हैं जिसमें एक करोड़ टैक्स पेयर लोगों को सीधा फायदा मिलेगा। इसके अलावा व्यापारिक वर्ग को 3 करोड़ तक के लिए टैक्स ऑडिट करने की जरूरत नहीं होगी और बजट में कैश ट्रांजेक्शन 5% से अधिक नहीं होना चाहिए।
ग्राम किलौर पो ओ देवद्वार रामगढ़ नैनीताल निवासी मनोज सिंह नेगी ने बजट के बारे में कहा की पिछले 10 साल की भाती इस बार भी बजट फुस्स निकला। बजट तो हर बार पारित होता है लेकिन आम जनता, किसानों, गरीबों को केवल ठींगा मिलता है। वर्तमान सरकार केवल पुजीपतियों और अमीरों के हिसाब से ही बजट बनाती है।
