Spread the love

मणिपुर में भाजपा नेता के घर को किया आग के हवाले, वक्फ कानून पर दिया था समर्थन

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को अपनी मंजूरी दे दी है, जो पिछले हफ्ते देर रात लोकसभा और राज्यसभा से पारित हुआ था। हालांकि, विधेयक को लेकर मुस्लिम समुदाय के कुछ हिस्सों में नाराजगी अब भी बरकरार है।

बीती रात, भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के एक वरिष्ठ नेता के घर में आग लगाई गई। जानकारी के मुताबिक, असकर अली, जो भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के मणिपुर इकाई के अध्यक्ष हैं, ने वक्फ संशोधन कानून का समर्थन किया था और इसके बारे में सकारात्मक बयान दिए थे। इस पर गुस्साई भीड़ ने रविवार रात उनके घर पर हमला किया और उसे आग के हवाले कर दिया।

अधिकारियों ने बताया कि यह घटना थौबल जिले के लिलोंग में घटी। असकर अली ने शनिवार को अपने सोशल मीडिया पर इस कानून के प्रति समर्थन जताया था, जिसके बाद रविवार रात करीब 9 बजे एक गुस्साई भीड़ उनके घर के बाहर इकट्ठी हो गई। भीड़ ने तोड़फोड़ की और घर को आग लगा दी। इस घटना के बाद असकर अली ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने अपने बयान के लिए माफी मांगी और वक्फ संशोधन कानून के प्रति विरोध भी जताया।

वहीं, इस विधेयक के खिलाफ इंफाल घाटी के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन भी हुए। पांच हजार से अधिक लोगों ने इस कानून के खिलाफ रैली निकाली, जिससे लिलोंग में राष्ट्रीय राजमार्ग-102 पर यातायात बाधित हो गया।

इस बीच, वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं। प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एएम) ने भी इस कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है। उनका कहना है कि यह विधेयक मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है और एक खतरनाक साजिश है।

इसके अलावा, कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद, एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, आप विधायक अमानतुल्लाह खान और कई अन्य नेताओं ने भी इस विधेयक की वैधता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसके साथ ही एक गैर सरकारी संगठन ‘एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स’ ने भी वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है।


Spread the love