महाकुंभ 2025: पहले अमृत स्नान के लिए सभी तैयारियां पूरी, लाखों श्रद्धालुओं ने संगम में की आस्था की डुबकी
महाकुंभ 2025 के पहले ‘अमृत स्नान’ के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। पहला अमृत स्नान मकर संक्रांति पर 14 जनवरी, दूसरा मौनी अमावस्या पर 29 जनवरी और तीसरा वसंत पंचमी पर 12 फरवरी को होगा। इस ऐतिहासिक अवसर पर लाखों श्रद्धालु संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंचे हैं।
सोमवार (13 जनवरी 2025) को प्रयागराज के संगम तट पर लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया। सुबह 9:30 बजे तक लगभग 60 लाख लोगों ने स्नान किया। महाकुंभ मेला प्रशासन ने इस दौरान विशेष तैयारियां की हैं, जिसमें छह शाही स्नान होंगे, जिनमें से तीन ‘अमृत स्नान’ हैं।
महाकुंभ के पहले स्नान के दौरान महानिर्वाणी और अटल अखाड़े के संत-महंत और महामंडलेश्वर ने सबसे पहले अमृत स्नान किया। महाकुंभ मेला प्रशासन ने सनातन धर्म के 13 अखाड़ों के लिए ‘अमृत स्नान’ का समय और क्रम जारी किया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ का संदेश:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि महाकुंभ 2025 में पौष पूर्णिमा के अवसर पर संगम में स्नान करने वाले सभी संत, कल्पवासी और श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि आज पहले स्नान पर्व पर 1.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में स्नान का पुण्य लाभ अर्जित किया।
मकर संक्रांति पर अमृत स्नान का क्रम:
बयान के अनुसार, मकर संक्रांति के अवसर पर 14 जनवरी को श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी सबसे पहले अमृत स्नान करेगा, इसके बाद श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा का स्नान होगा। स्नान का समय 40 मिनट का होगा और यह 6:15 बजे से शुरू होगा।
इसके बाद, श्री तपोनिधि पंचायती निरंजनी अखाड़ा और श्री पंचायती अखाड़ा आनंद भी अमृत स्नान करेंगे। इनका शिविर से प्रस्थान का समय सुबह 6:05 बजे और घाट पर आगमन का समय 7:05 बजे रहेगा।
तीसरे स्थान पर स्नान करने वाले अखाड़े:
तीसरे स्थान पर श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा और श्री पंचाशि अखाड़ा अमृत स्नान करेंगे। इनका शिविर से प्रस्थान सुबह 7:00 बजे होगा और घाट पर स्नान का समय 8:00 बजे निर्धारित किया गया है।
अन्य अखाड़ों के स्नान का समय:
अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा, पंच दिगंबर अनी अखाड़ा, श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा और अन्य अखाड़े भी क्रमवार अमृत स्नान करेंगे, जिनका समय व स्थान पहले से निर्धारित किया गया है।
महाकुंभ 2025 के इस ऐतिहासिक आयोजन में लाखों श्रद्धालु अपनी आस्था की डुबकी लगाने और पुण्य लाभ प्राप्त करने के लिए संगम तट पर उपस्थित हैं।
