स्वामी रामदेव और एमडी आचार्य बालकृष्ण को लगायी सुप्रीम कोर्ट ने फटकार
झूठी गवाही के खिलाफ चेतावनी
एक सप्ताह में नया हलफनामा दायर करने का निर्देश
दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद को भ्रामक विज्ञापन के मामले में संस्थापक स्वामी रामदेव और एमडी आचार्य बालकृष्ण को अदालत में दिए गए वचन का पालन नहीं करने पर कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने योग गुरु बाबा रामदेव और कंपनी के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण को दोनों की माफी को दिखावटी बताते हुए शीर्ष अदालत ने उन्हें झूठी गवाही के खिलाफ चेतावनी भी दी और एक सप्ताह में नया हलफनामा दायर करने का निर्देश दिये है।
मंगलवार को मामले में जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि जो दस्तावेज संलग्न किए हैं वह दस्तावेज बाद में लगाए गए है। यह झूठी गवाही का स्पष्ट मामला है। हम आपके लिए दरवाजे बंद नहीं कर रहे हैं, लेकिन हम वह सब बता रहे हैं जो हमने नोट किया है।
अदालत उनकी माफी पर पूर्ण भरोसा नहीं होने के बावजूद स्वीकार कर रही है। उन्हें चेतावनी भी कि कोर्ट झूठी गवाही देने के बारे में भी संज्ञान लेगी। पीठ ने केंद्र से पूछा कि उसने कार्रवाई करने के बजाय अपनी आंखें क्यों मूंदें रखीं? पीठ ने रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को नए सिरे से हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हुए अगली सुनवाई 10 अप्रैल पर पेश होने का आदेश दिया है। पीठ ने कोरोना के दौरान आधुनिक चिकित्सा प्रणाली एलोपैथी को बदनाम करने पर केंद्र की कथित निष्क्रियता पर भी सवाल उठाया।
