उत्तरायणी मेला का शुभारंभ, संस्कृति के संवर्धन में मेलों की अहम भूमिका पर बल
संवाददाता सीमा खेतवाल
बागेश्वर , 13 जनवरी 2025: कुमांऊ आयुक्त दीपक रावत ने आज नुमाईश खेत में आयोजित उत्तरायणी मेला का विधिवत शुभारंभ किया। दीप प्रज्जवलन व रिवन काटकर इस ऐतिहासिक मेले का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि मेले संस्कृति के संवाहक होते हैं और इनका संस्कृति के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने बताया कि उत्तरायणी मेला न केवल धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि व्यापारिक दृष्टिकोण से भी यह मेला विशेष महत्व रखता है।
इस मौके पर जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने सभी मेलार्थियों का स्वागत किया और शांतिपूर्ण आयोजन की अपील की। उन्होंने कहा कि इस बार के मेले को आकर्षक बनाने के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए गए हैं और इसमे स्थानीय तथा बाहरी कलाकारों को भी आमंत्रित किया गया है।
कुमांऊ आयुक्त दीपक रावत ने इस अवसर पर नुमाईश के विभिन्न स्टालों का निरीक्षण किया और स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुति की सराहना की। उन्होंने युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति पर चिंता जताते हुए कहा कि इस समस्या का समाधान सामाजिक जागरूकता से ही संभव है।
उत्तरायणी के दिन को याद करते हुए आयुक्त ने बीडी पांडे की भूमिका को भी सराहा, जिन्होंने इस दिन को कुली बेगार प्रथा के खिलाफ आवाज उठाने के रूप में इतिहास में दर्ज कराया। कार्यक्रम के दौरान कुमाऊं आयुक्त ने ‘‘झन दीया बौज्यू छाना बिलौरी’’ कुमाऊनी गीत गाकर उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस दौरान ताइक्वांडो व अन्य खेलों में राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता खिलाड़ियों, स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने वाले कुमाऊं कमिश्नर द्वारा सम्मानित किए गए। पुलिस अधीक्षक चंद्रशेखर घोड़के ने मेलार्थियों और व्यापारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस बल की तत्परता का जिक्र किया।
कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी एनएस नबियाल, मुख्य विकास अधिकारी आरसी तिवारी, उपजिलाधिकारी व मेलाधिकारी मोनिका, नगर पालिका ईओ मोहम्मद यामीन समेत अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. राजीव जोशी और जयंत भाकुनी ने किया।
