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रामनगर में वन गुज्जरों से मुक्त करवाई 22 हेक्टेयर आरक्षित वन भूमि

मुख्यमंत्री के आदेश के कुछ घंटों के भीतर प्रशासन ने की बड़ी कार्रवाई

रामनगर क्षेत्र में वर्षों से वन गुज्जरों के अवैध कब्जे में पड़ी बहुमूल्य वन भूमि को आज शासन के निर्देश पर वन विभाग द्वारा मुक्त करवा लिया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा आज सुबह अतिक्रमण हटाओ अभियान की समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए जाने के बाद तराई पश्चिम वन प्रभाग की कार्रवाई शुरू की गई।

डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य ने जानकारी दी कि शासन से प्राप्त निर्देशों के अनुपालन में आमपोखरा रेंज के पश्चिम शिवनाथपुर बीट में गुज्जरों द्वारा अतिक्रमण की गई लगभग 22 हेक्टेयर आरक्षित वन भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त करवा लिया गया है। यह भूमि लंबे समय से वन गुज्जरों के अधिपत्य में थी और अब इसे औपचारिक रूप से वन विभाग के कब्जे में ले लिया गया है।

इस संयुक्त अभियान में वन विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस बल की टीमें मौजूद रहीं। अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए तराई पश्चिम वन प्रभाग की सभी रेंजों का सहयोग लिया गया।

सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सुबह ही वन विभाग के अधिकारियों और एडीजी मुरुगेशन को सख्त निर्देश दिए थे कि अवैध कब्जों को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए और संबंधित भूमि को वापस वन विभाग की स्वामित्व में लिया जाए।

अभियान के नोडल अधिकारी डा. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि यह कार्यवाही मुख्यमंत्री द्वारा जंगलों को अतिक्रमण मुक्त करने के निर्देशों के बाद शुरू की गई है। उन्होंने जानकारी दी कि अब तक प्रदेश में 6,000 एकड़ से अधिक वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया जा चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि जंगलों में बाहरी लोगों द्वारा अतिक्रमण की शिकायतें मिल रही हैं और ऐसे सभी मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी।

वन विभाग का यह अभियान भविष्य में भी जारी रहेगा और हर हाल में आरक्षित वन क्षेत्र को अवैध कब्जों से मुक्त कराया जाएगा।


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