हाईटेंशन लाइन में काम करते हुए लाइनमैन की मौत: मुआवजे और सुरक्षा की मांग को लेकर यूपीसीएल कार्यालय में प्रदर्शन
बिंदुखत्ता तिवारीनगर निवासी बिजली विभाग के लाइनमैन सुनील सिंह दानू की हाईटेंशन लाइन के पोल पर काम करते समय करंट लगने से हुई मौत ने यूपीसीएल की लापरवाही और सुरक्षा मानकों की भारी अनदेखी को उजागर कर दिया है। यह हादसा तब हुआ जब सुनील सिंह ने निर्धारित प्रक्रिया के तहत प्रॉपर शटडाउन लेकर कार्य शुरू किया था, बावजूद इसके लाइन में करंट आना और उनकी मौके पर ही मौत हो जाना विभागीय असावधानी का गंभीर मामला है। सुनील सिंह की असामयिक मृत्यु से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है और आम जनता में जबरदस्त आक्रोश भी देखा जा रहा है।
इस हादसे के विरोध में भाकपा (माले) के नेतृत्व में ग्रामीणों के साथ एक प्रतिनिधिमंडल ने यूपीसीएल उपखंड कार्यालय, लालकुआं में एसडीओ से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपकर मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपये मुआवजा देने, उनकी पत्नी को यूपीसीएल में नौकरी देने तथा इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही करने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल में माले नैनीताल जिला सचिव डा. कैलाश पाण्डेय, किसान महासभा नेता किशन बघरी, माले बिंदुखत्ता एरिया सचिव पुष्कर दुबड़िया, आइसा जिला अध्यक्ष धीरज कुमार और विशाल सिंह गौतम शामिल थे।
भाकपा माले जिला सचिव डा. कैलाश पाण्डेय ने कहा कि जब लाइन का शटडाउन लिया गया था, तो करंट आना सीधे तौर पर यह साबित करता है कि यूपीसीएल की कार्यप्रणाली पूरी तरह असुरक्षित और अव्यवस्थित है। उन्होंने यह भी मांग की कि विद्युत विभाग द्वारा वर्षों से मात्र चार लाख रुपये का मुआवजा तय किया गया है, जिसे बढ़ाकर 50 लाख रुपये किया जाए, ताकि भविष्य में लाइनमैनों की सुरक्षा को प्राथमिकता मिले और ऐसे हादसे रोके जा सकें।
किसान महासभा नेता किशन बघरी ने बताया कि बिंदुखत्ता क्षेत्र में पहले भी दो ऐसे हादसे हो चुके हैं, जिनमें एक लाइनमैन की मौत हुई और एक अपाहिज हो गया था। यह तीसरी घटना है, जो विभागीय लापरवाही का स्पष्ट प्रमाण है। उनका कहना है कि लाइनमैनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभाग को ठोस कदम उठाने होंगे, जिससे इन घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। प्रदर्शनकारियों ने लालकुआं विधायक से मांग की है कि मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष से पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिलाया जाए और विभागीय जिम्मेदारियों की जवाबदेही तय की जाए।
