जंगल की आग और मानसून से निपटने को लेकर डीएम की सख्ती – जन सुरक्षा के लिए दिए अहम निर्देश
संवाददाता सीमा खेतवाल
बागेश्वर। जिलाधिकारी आशीष भटगांई की अध्यक्षता में जनपद में संभावित जंगल की आग और मानसूनी आपदाओं से निपटने की तैयारियों को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में डीएम ने संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए और जन सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने पर बल दिया।
बैठक में जिलाधिकारी ने बताया कि जंगलों में पाई जाने वाली अत्यधिक ज्वलनशील चीड़ की पत्तियाँ (पीरुल) आग की घटनाओं में मुख्य भूमिका निभाती हैं। उन्होंने इसके सुरक्षित निस्तारण या उत्पादक कार्यों में उपयोग पर ज़ोर देते हुए कहा कि इससे न केवल आग की घटनाओं में कमी लाई जा सकती है, बल्कि इसका लाभकारी उपयोग भी संभव है।
डीएम भटगांई ने जंगलों में लगी पानी की पाइप लाइनों में ‘टी वॉल्व’ लगाने के निर्देश भी दिए, ताकि आग लगने की स्थिति में त्वरित जलापूर्ति सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि मई-जून के महीने जंगलों में आग की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील होते हैं, अतः इस दौरान विशेष सतर्कता बरती जाए।
मानसून के मद्देनज़र, डीएम ने बाढ़ संभावित नालों व सड़कों की पहचान कर उनके आकलन एवं सुधार कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने विशेष रूप से उन विद्यालयों को चिन्हित करने को कहा जो जलभराव वाले क्षेत्रों में स्थित हैं, ताकि आवश्यक होने पर बच्चों को सुरक्षित स्कूलों में स्थानांतरित किया जा सके।
कपकोट के सुराग पुल के निर्माण में हो रही देरी पर नाराज़गी जताते हुए जिलाधिकारी ने इसे शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह पुल क्षेत्र की जनता के लिए जीवन रेखा है, और इसके अधूरे रहने से हो रही असुविधा किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
साथ ही वर्तमान में संचालित पिंडारी ग्लेशियर ट्रैक पर पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर भी जिलाधिकारी ने विशेष निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ट्रैकिंग मार्ग पर सभी सुरक्षा उपाय, पर्यटकों की ट्रैकिंग व्यवस्था, और आपात सेवाएं सुनिश्चित की जाएँ, ताकि सैलानियों को किसी तरह की कठिनाई न हो।
डीएम भटगांई ने तहसील और ब्लॉक स्तर पर मॉक ड्रिल, जागरूकता अभियान और फील्ड टीमें अलर्ट मोड में रखने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने बरसात से पहले नालियों की सफाई और स्वच्छता व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए, जिससे जलभराव की स्थिति से बचा जा सके।
बैठक में अपर जिलाधिकारी एन.एस. नबियाल, सीएमओ डॉ. कुमार आदित्य तिवारी, उपजिलाधिकारी मोनिका, मुख्य शिक्षा अधिकारी जी.एस. सोन, एलडीए के अधिशासी अभियंता संजय पांडे, ईई जलसंस्थान सी.एस. देवड़ी, सिंचाई विभाग के के.के. जोशी, डीओ पीआरडी अर्जुन रावत, डीडीएमओ शिखा सुयाल सहित अनेक विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
