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“नशा नहीं, इलाज दो” अभियान को लेकर मालधन में बंद का ऐलान, महिला एकता मंच हुआ मुखर

मालधन (उत्तराखंड)। मालधन क्षेत्र की उपेक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाल स्थिति के खिलाफ महिला एकता मंच ने मोर्चा खोल दिया है। मंच ने 18 अगस्त को मालधन बाजार, शिक्षण संस्थान और बैंकों को बंद करने का ऐलान करते हुए कहा है कि यह बंद पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा और इसे सफल बनाने के लिए जन संपर्क अभियान भी चलाया जाएगा।

महिला एकता मंच ने मालधन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से डा. प्रशांत कौशिक और डा. अर्चना कौशिक के ट्रांसफर पर नाराज़गी जताते हुए सरकार से उनकी बदली रोकने या अन्य योग्य डॉक्टरों की तैनाती की मांग की है। इसके साथ ही अस्पताल में सर्जन, निश्चेतक, बाल रोग विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट और पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति, एक्सरे मशीन को चालू करने, और 24 घंटे इमरजेंसी व अल्ट्रासाउंड सुविधाएं बहाल करने की मांग रखी गई है।

इसके साथ ही मंच ने गोपाल नगर में दोबारा खोली गई शराब की दुकान को तत्काल बंद करने और क्षेत्र में अवैध व कच्ची शराब पर रोक लगाने के लिए विशेष पुलिस टीम गठित करने की मांग की है।

महिला एकता मंच 25 जुलाई को शहीद अमर बलिदानी श्री देव सुमन को श्रद्धांजलि देने हेतु कार्यक्रम भी आयोजित करेगा। मंच की ओर से यह संदेश दिया गया कि मालधन की जनता को केवल वोट बैंक समझने वाली सरकार को अब जवाब देना होगा।

बैठक में उपस्थित महिलाओं ने कहा कि मालधन की लगभग 40 हजार की आबादी को स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित किया जा रहा है। भाजपा सरकार ने एक ओर जहां शराब की दुकानों को फिर से खोलने की अनुमति दे दी है, वहीं दूसरी ओर इलाज कर रहे डॉक्टरों को हटा लिया गया है। मंच ने सवाल उठाया कि अनुसूचित जाति बहुल इस क्षेत्र को नशे की ओर धकेलकर कौन-सा रामराज स्थापित किया जा रहा है?

महिला एकता मंच ने जाति, धर्म, लिंग और दलीय राजनीति से ऊपर उठकर मालधन के विकास के लिए ‘नशा नहीं, इलाज दो’ आंदोलन में भाग लेने की अपील की है। मंच ने स्पष्ट किया कि यह लड़ाई केवल स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय की है, जो पूरे क्षेत्र के भविष्य से जुड़ी है।

इस बैठक में ममता, शिवानी, सरस्वती जोशी, विनीता टम्टा, रेखा शाह, देवी आर्य, पुष्पा आर्य और भगवती सहित अन्य महिलाएं उपस्थित रहीं और एकजुट होकर इस जनांदोलन को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।


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