देवभूमि में देवी-देवताओं के नाम पर मदिरा की इजाज़त नहीं: आबकारी विभाग
“त्रिकाल” ब्राण्ड को लेकर सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों पर प्रशासन सख्त
देहरादून। उत्तराखंड आबकारी विभाग ने “त्रिकाल” नामक मदिरा ब्राण्ड को लेकर फैल रही अफवाहों का खंडन करते हुए स्पष्ट किया है कि राज्य में इस ब्राण्ड को न तो निर्माण की अनुमति दी गई है और न ही रजिस्ट्रेशन अथवा बिक्री की कोई स्वीकृति प्रदान की गई है।
आबकारी आयुक्त हरिचन्द्र सेमवाल द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि विभाग के संज्ञान में यह तथ्य आया है कि “त्रिकाल” नामक शराब ब्राण्ड को मैसर्स रेडिको खेतान लिमिटेड द्वारा अन्य राज्यों में लॉन्च किया गया है। लेकिन कुछ भ्रामक और असत्य खबरें सोशल मीडिया पर इस ब्राण्ड को उत्तराखंड से जोड़ते हुए प्रसारित की जा रही हैं, जो पूरी तरह से झूठी हैं।
विभाग ने स्पष्ट किया कि उत्तराखंड में इस प्रकार के किसी ब्राण्ड को अनुमति नहीं दी गई है और न ही भविष्य में दी जाएगी। इस तरह की खबरें राज्य की धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक भावनाओं को आहत करने वाली हैं। उत्तराखंड को देशभर में “देवभूमि” के रूप में जाना जाता है और यहां की सनातन परंपराओं एवं धार्मिक मर्यादाओं का सम्मान करना सभी का कर्तव्य है।
आबकारी विभाग ने चेतावनी दी है कि किसी भी ऐसे मदिरा उत्पाद, जिसका नाम देवी-देवताओं या धार्मिक अवधारणाओं से मेल खाता हो, को राज्य में कभी भी स्वीकृति नहीं दी जाएगी। विभाग ने इस प्रकार की अफवाहों को एक सुनियोजित साजिश करार देते हुए कहा कि यह उत्तराखंड और उसके प्रशासन को बदनाम करने का प्रयास है।
विभाग ने बताया कि सोशल मीडिया या किसी अन्य माध्यम से इस तरह की झूठी खबरें फैलाने वालों के विरुद्ध साइबर अपराध की धाराओं में एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
उत्तराखंड आबकारी विभाग राज्य में पारदर्शी व्यवस्था, राजस्व वृद्धि और अवैध शराब के नियंत्रण के लिए प्रतिबद्ध है। विभाग ने आम नागरिकों से अपील की है कि ऐसी भ्रामक सूचनाओं से सावधान रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी संबंधित अधिकारियों को दें।
