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हाई कोर्ट सख्त: जज और वकीलों की ट्रोलिंग पर एसएसपी को जांच के आदेश

नैनीताल। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने एक दुष्कर्म मामले से जुड़े ट्रांसफर विवाद में न्यायाधीशों और अधिवक्ताओं के खिलाफ इंटरनेट मीडिया पर की जा रही ट्रोलिंग पर कड़ी नाराजगी जताई है। अदालत ने इसे भारतीय नागरिक संहिता के अंतर्गत एक दंडनीय अपराध करार दिया और सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए। कोर्ट ने नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को निर्देश दिया है कि वह इस मामले की विस्तृत जांच कर आगामी सोमवार तक रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने लोनिवि के अपर सहायक अभियंता रिजवान खान के स्थानांतरण को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। रिजवान का स्थानांतरण खटीमा से घनसाली (गढ़वाल) कर दिया गया था। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कार्तिकेय हरि गुप्ता ने दलील दी कि अभियंता के पिता पर दर्ज दुष्कर्म के मामले के बाद 30 अप्रैल को सोशल मीडिया पर अभियान चलाया गया, और इसके दबाव में प्रशासन ने बिना नोटिस और बिना किसी ठोस जांच के 5 मई को उनका स्थानांतरण आदेश जारी कर दिया।

कोर्ट को यह भी बताया गया कि स्थानांतरण आदेश सार्वजनिक होने से पहले ही कुछ संगठनों द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया गया और अभियंता के साथ-साथ न्यायाधीशों और अधिवक्ताओं के विरुद्ध भी आपत्तिजनक और घृणास्पद टिप्पणियां की गईं। अधिवक्ता ने फेसबुक पर प्रसारित इन पोस्टों की प्रतियां भी न्यायालय को प्रस्तुत कीं। याचिका में यह भी उल्लेख किया गया कि याचिकाकर्ता के कार्य को पहले तक सराहा गया था, ऐसे में अचानक ‘काम के प्रति लापरवाह’ होने की बात प्रशासनिक दृष्टि से संदेहास्पद है।

हाई कोर्ट ने मामले में गंभीरता दिखाते हुए कहा कि घृणास्पद भाषणों का न्यायिक संज्ञान लिया जा सकता है और अगर किसी कर्मचारी पर कार्रवाई की जानी है, तो उससे पूर्व नियमों के अनुसार जांच और कारण बताओ नोटिस अनिवार्य है। कोर्ट ने प्रशासनिक आदेश को ‘दंडात्मक’ बताते हुए यह भी टिप्पणी की कि उच्च न्यायालय का नाम जिस प्रकार से इन भाषणों में घसीटा गया, वह अत्यंत आपत्तिजनक है।

राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता एस.एन. बाबुलकर और मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने जवाब में कहा कि स्थानांतरण नियमों के अनुसार किया गया है। हालांकि, अदालत ने याचिकाकर्ता को अभी कोई अंतरिम राहत नहीं दी और मामले की अगली सुनवाई सोमवार को तय की है।


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