केदारनाथ यात्रा की तैयारी में हड़कंप, एक्वाईन इन्फ्लुएंजा वायरस के मामले आए सामने
रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की शुरुआत में अब कुछ ही दिन बाकी हैं, लेकिन इस बीच एक सनसनीखेज खबर सामने आई है। रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले घोड़े और खच्चरों में एक्वाईन इन्फ्लुएंजा वायरस (H3N8) पाया गया है, जिसके बाद राज्य सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है। बताया जा रहा है कि केदारनाथ यात्रा मार्ग पर करीब 12 घोड़े और खच्चर इस वायरस की चपेट में आए हैं।
इसके बाद पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने मंगलवार को सचिवालय में बैठक कर अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए हैं। बैठक में अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि रुद्रप्रयाग में 12 घोड़े और खच्चरों में एक्वाईन इन्फ्लुएंजा की पुष्टि हुई है और उन्हें तुरंत क्वारंटीन कर दिया गया है। यह बीमारी अन्य पशुओं में तेजी से फैल सकती है, इसलिए सभी घोड़े-खच्चरों के मालिकों को उन्हें अन्य जानवरों से अलग रखने की हिदायत दी गई है।
मंत्री बहुगुणा ने स्पष्ट रूप से कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान घोड़े-खच्चरों की स्क्रीनिंग ठीक ढंग से की जानी चाहिए, और इस प्रक्रिया पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि लापरवाही करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इसके अतिरिक्त, रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी को वायरस संक्रमण को रोकने के लिए सभी आवश्यक एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, मंत्री ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी सतर्क रहने का आदेश दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि बिना स्वास्थ्य परीक्षण के किसी भी घोड़े या खच्चर को यात्रा के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी। दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने की भी बात की गई।
कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने जानकारी दी कि वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए रुद्रप्रयाग जिले में दो क्वारंटीन सेंटर बनाए जाएंगे—एक फाटा में और दूसरा कोटमा में। उन्होंने स्पष्ट किया कि चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी संक्रमित घोड़े या खच्चर को यात्रा पर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी, और ऐसा करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
चारधाम यात्रा के कपाट खुलने की तिथियाँ पहले ही घोषित की जा चुकी हैं। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट 30 अप्रैल को, बदरीनाथ धाम के कपाट 4 मई को और केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को खोले जाएंगे। वहीं, श्री हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को खोले जाएंगे।
