कांशीराम जी, जो एक महान भारतीय राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे, ने विशेष रूप से बहुजन समाज के उत्थान के लिए अपार कार्य किया। वे भारतीय जातिवाद की सबसे निचली श्रेणियों, विशेष रूप से अछूत वर्ग और पिछड़ी जातियों के लिए संपूर्ण जीवनभर संघर्ष करते रहे। उनके द्वारा की गई मेहनत और संघर्ष ने समाज के हाशिये पर खड़े लोगों को शक्ति और सम्मान दिलाया।
कांशीराम जी ने 1978 में ‘बामसेफ’ (बहुजन संघर्ष मोर्चा) की स्थापना की और 1984 में ‘बहुजन समाज पार्टी’ (BSP) की नींव रखी। उनका उद्देश्य समाज में समानता, स्वतंत्रता, बंधुत्व और न्याय के मूल्यों पर आधारित एक सशक्त समाज और राष्ट्र की स्थापना करना था। उनका मानना था कि केवल एक संगठित बहुजन समाज ही समाज में वास्तविक बदलाव ला सकता है।
आज भी मान्यवर कांशीराम जी को उनके संघर्षों और विचारों के लिए हर भारतीय के दिल में सम्मान की नजर से देखा जाता है। उनकी जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता जगदीश चन्द्र (जीतू), नन्द राम जयंती, मुन्नी देवी, अंजली,हिमानी, रजनी देवी, तुलसी देवी,हेमा देवी आदि क्षेत्रवासी ने कांशीराम जी के योगदान को याद किया और उनके विचारों को अपनाने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर कांशीराम जी के संघर्षों और उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया, ताकि उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों तक पहुंच सके। कांशीराम जी का नाम हमेशा ‘बहुजन नायक’ के रूप में जीवित रहेगा और वे सदैव हम सभी के प्रेरणास्त्रोत बने रहेंगे।