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गहरी खाई में फंसे व्यक्ति के लिए मसीहा बनी पुलिस, 6 दिन बाद चलाया गया रेस्क्यू अभियान

जंगल, उफनती नदी और मूसलाधार बारिश के बीच 3 किमी पैदल चलकर पुलिस टीम ने बचाई जान

संवाददाता सीमा खेतवाल

कपकोट, नामिक गांव के पास एक गहरी खाई में फंसे युवक के लिए उत्तराखंड पुलिस, एसडीआरएफ और फायर विभाग की संयुक्त टीम मसीहा बनकर सामने आई। स्थानीय ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस टीम ने जान की परवाह किए बिना दुर्गम जंगल और उफनती नदी पार कर युवक को सुरक्षित बाहर निकाला।

सायं करीब 20 जून को कपकोट थाना पुलिस को सूचना मिली कि एक व्यक्ति गोगिना से लगभग 3–4 किलोमीटर दूर, जंगल में रामगंगा पुल के पास नदी किनारे गिरकर फंसा हुआ है। सूचना मिलते ही थाना कपकोट, एसडीआरएफ और फायर विभाग की टीम तत्काल रवाना हुई।

गोगिना तक वाहन से पहुंचने के बाद टीम ने भारी बारिश, रात का समय और मोबाइल नेटवर्क की समस्या के बावजूद पैदल ही दुर्गम जंगल की ओर कूच किया। करीब 3 किमी जंगल में चलने के बाद टीम को नामिक गांव के हीरा बाबा और दो अन्य स्थानीय लोग मिले, जिन्होंने टीम को सही रास्ता दिखाया और रामगंगा पुल तक पहुंचाया।

पुल से टॉर्च की रोशनी में देखा गया कि नदी के दूसरे किनारे पर एक व्यक्ति बैठा हुआ है और मदद के लिए आवाज लगा रहा है। नदी में अत्यधिक बहाव था, लेकिन टीम ने हिम्मत नहीं हारी। रस्सियों की मदद से एक अस्थायी रोपवे तैयार किया गया और रिवर क्रॉसिंग कर युवक तक पहुंचा गया।

घायल युवक ने अपना नाम जितेन्द्र दास पुत्र नथुनी दास, निवासी ग्राम/पोस्ट हरिपुर, थाना हरिपुर, जिला सरलही जनकपुरी, नेपाल (उम्र 24 वर्ष) बताया। उसने बताया कि वह 6 दिन पहले ऊपर से फिसलकर नदी किनारे गिर गया था और तभी से वहां फंसा हुआ था। उसके बाएं पैर में गंभीर चोट थी और वह चलने में असमर्थ था।

टीम ने मौके पर ही जितेन्द्र को प्राथमिक खाना और सहायता प्रदान की। तेज बारिश, अनजान जंगल और उफनती नदी के बीच बेहद जोखिमभरे हालात में पुलिस, एसडीआरएफ व फायर टीम ने मिलकर रोप व चेयर हार्नेस की मदद से रिवर क्रॉसिंग कर उसे सुरक्षित निकाला और स्ट्रेचर से 3 किमी ऊपर सड़क तक लाकर एंबुलेंस के माध्यम से कपकोट अस्पताल भेजा गया।


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