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वन अग्नि एवं वन्यजीव सुरक्षा को लेकर सचल न्यायालय के माध्यम से जन जागरूकता अभियान आयोजित

सचल न्यायालय की पहल: जंगलों को बचाने का संदेश लेकर पहुँचे अधिकारी

संवाददाता सीमा खेतवाल

बागेश्वर – माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल के निर्देशन में बागेश्वर वन प्रभाग द्वारा आज वन अग्नि नियंत्रण और वन्यजीव संरक्षण के विषय में एक विशेष जन जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम सचल न्यायालय (मोबाइल कोर्ट) के माध्यम से ग्रामीणों, विद्यार्थियों और स्थानीय नागरिकों को वनों की सुरक्षा एवं संरक्षण के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से संचालित किया गया।

इस अवसर पर वन क्षेत्राधिकारी श्री श्याम सिंह करायत ने  कहा  वन केवल पेड़ों का समूह नहीं हैं, बल्कि जीवन का आधार हैं। वनाग्नि और अवैध शिकार जैसे कृत्य न केवल प्रकृति के साथ अपराध हैं, बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य से भी खिलवाड़ करते हैं। हम सभी का दायित्व है कि वन संपदा की रक्षा करें और वन्यजीवों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करें।”

उन्होंने यह भी बताया कि अधिकतर वनाग्नि की घटनाएं मानवीय लापरवाही के कारण होती हैं, जिन्हें जन सहयोग से रोका जा सकता है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तत्काल वन विभाग को दें।

कार्यक्रम के दौरान सचल न्यायालय की टीम द्वारा ग्रामीणों को वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 तथा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के प्रमुख प्रावधानों की जानकारी दी गई। नागरिकों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों से अवगत कराया गया, साथ ही पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में जन भागीदारी पर बल दिया गया।

कार्यक्रम में वन दरोगा कैलाश पांडेय, वन दरोगा भोपाल राम, वन बीट अधिकारी चंदन राम, भारत डांगी, मनोज कुमार, वन दरोगा हेमंत तिवारी सहित कई विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

अंत में वन विभाग बागेश्वर ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे वनों में किसी भी प्रकार की आगजनी न करें, वन्यजीवों को क्षति पहुँचाने वाली गतिविधियों से दूर रहें, और प्रकृति संरक्षण में सक्रिय भागीदारी निभाएं।


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