उत्तराखंड: हल्द्वानी नगर निगम के मेयर गजराज सिंह बिष्ट ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए पेश किया दावा, पार्टी में घमासान
उत्तराखंड की राजनीति में एक नई हलचल मच गई है। हल्द्वानी नगर निगम के मेयर गजराज सिंह बिष्ट ने भा.ज.पा. के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया है। बिष्ट, जो पूर्व में पार्टी के प्रदेश महामंत्री रह चुके हैं, अब प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए मैदान में उतर आए हैं। यह कदम राज्य के भाजपा संगठन में एक नए राजनीतिक संघर्ष को जन्म दे सकता है, जहां पार्टी के भीतर कई नेता इस महत्वपूर्ण पद के लिए लॉबिंग कर रहे हैं।
गजराज सिंह बिष्ट का आवेदन पार्टी के संगठनात्मक चुनावों के लिए बनाए गए चुनाव अधिकारी विधायक खजानदास ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि गजराज सिंह बिष्ट ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए अपना आवेदन दाखिल किया है। उनके इस कदम से प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ और भी दिलचस्प हो गई है। बिष्ट ने इस पद के लिए अपनी दावेदारी एक औपचारिक आवेदन के जरिए पेश की, जिससे उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए चुनाव प्रक्रिया:
राज्य में भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव इस महीने में होने की संभावना है। हालांकि, खजानदास ने बताया कि चुनाव की तिथि होली के बाद घोषित की जाएगी। इसके बाद पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी, और जल्द ही उत्तराखंड भाजपा को अपना नया प्रदेश अध्यक्ष मिलेगा। पार्टी के भीतर इस चुनाव को लेकर काफी हलचल मची हुई है, क्योंकि कई कद्दावर नेता इस पद पर अपनी दावेदारी पेश करने की कोशिश कर रहे हैं।
गजराज सिंह बिष्ट का राजनीतिक सफर:
गजराज सिंह बिष्ट का राजनीतिक करियर खासा प्रभावशाली रहा है। वे पूर्व में भाजपा के प्रदेश महामंत्री रह चुके हैं और अपने कार्यकाल में पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए थे। उनकी कार्यशैली और भाजपा के प्रति उनकी निष्ठा को देखते हुए पार्टी के कई वरिष्ठ नेता उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त मानते हैं। उनके आवेदन ने प्रदेश भाजपा में अध्यक्ष पद को लेकर बढ़ती प्रतिस्पर्धा को और ज्यादा तेज कर दिया है।
अंदरखाने की राजनीतिक समीकरण:
हालांकि, पार्टी में इस पद के लिए केवल गजराज सिंह बिष्ट ही नहीं, बल्कि कई अन्य वरिष्ठ नेता भी लॉबिंग कर रहे हैं। पार्टी के अंदरखाने में इस मुद्दे पर कई समीकरण बनते दिख रहे हैं। कुछ नेताओं का कहना है कि गजराज सिंह बिष्ट के नेतृत्व में भाजपा को मजबूती मिल सकती है, वहीं कुछ अन्य नेता नए चेहरे की तलाश कर रहे हैं। इन राजनीतिक समीकरणों के बीच अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व किसे इस महत्वपूर्ण पद के लिए चुनता है।
पार्टी की आंतरिक प्रक्रिया में बदलाव:
पार्टी के अंदरखाने में हो रही लॉबिंग और दावेदारी की कड़ी प्रतिस्पर्धा यह दर्शाती है कि भाजपा अब अपने नेतृत्व को लेकर एक नया दृष्टिकोण अपनाने जा रही है। जहां एक ओर गजराज सिंह बिष्ट के नामांकन ने चर्चा का बाजार गर्म किया है, वहीं दूसरी ओर पार्टी के अन्य नेताओं की नजरें इस पद पर टिकी हुई हैं।
