Spread the love

उत्तरकाशी दंपति ने छह दिन के बेटे का देहदान किया, मेडिकल छात्रों के लिए बनेगा पाठ्यक्रम

देहरादून, 13 जनवरी 2025: उत्तरकाशी के एक दंपति ने अपने छह दिन के बेटे की मृत्यु के बाद उसकी देह मेडिकल कॉलेज को दान कर दी, ताकि उसका शरीर चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई में मददगार हो सके। यह कदम देश में सबसे कम उम्र के बच्चे के देहदान का दूसरा मामला बन गया है। इससे पहले दिसंबर 2023 में हरिद्वार की ढाई दिन की बच्ची का शरीर दून मेडिकल कॉलेज को दान किया गया था।

उत्तरकाशी के गांव अदनी रोनथाल निवासी मनोज लाल और उनकी पत्नी विनीता ने 6 जनवरी को बेटे को जन्म दिया। सात जनवरी को बच्चे को सांस लेने में परेशानी होने पर एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया, लेकिन 10 जनवरी को हृदय गति रुकने के कारण बच्चे का निधन हो गया।

ग्राफिक एरा मेडिकल कॉलेज के एनॉटमी विभाग के प्रमुख डॉ. रजत कृष्णा रोहतगी ने बताया कि बच्चे के शरीर को फॉर्मलिन नामक केमिकल से संरक्षित किया जाएगा, ताकि वह मेडिकल छात्रों के लिए अध्ययन का हिस्सा बने। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में फीटल्स और असामान्य बच्चों के लिए विशेष म्यूजियम है, जहां बच्चे के शव को रखा जाएगा।

परिवार ने पहले बच्चे का अंतिम संस्कार करने की योजना बनाई थी, लेकिन नेत्रदान कार्यकर्ता अनिल कक्कड़ की मदद से उन्होंने देहदान करने का निर्णय लिया। कक्कड़ ने परिवार को इस विचार से अवगत कराया और उनकी मदद से सभी कागजी कार्रवाई पूरी की गई। इसके बाद बच्चे का शरीर ग्राफिक एरा मेडिकल कॉलेज को सौंपा गया।

इस नेक कदम के साथ, उत्तरकाशी दंपति ने न केवल अपने बच्चे की मृत्यु को एक नई दिशा दी, बल्कि मेडिकल छात्रों के लिए एक अमूल्य दान भी किया।


Spread the love