“नशा नहीं इलाज दो” आंदोलन तेज़, भाजपा सरकार पर शराब माफिया से साठगांठ का आरोप
मालधन, उत्तराखंड। महिला एकता मंच ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उत्तराखंड में नशे के कारोबार को बढ़ावा देकर भाजपा सरकार संविधान और जनहित दोनों की अनदेखी कर रही है। मंच की ओर से जारी प्रेस वक्तव्य में बताया गया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में हर साल 1.22 लाख लोगों की मौत शराब सेवन से होती है, जबकि सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं में से 40 प्रतिशत शराबजनित हैं। इसके बावजूद भाजपा नेताओं और अधिकारियों द्वारा शराब की दुकानों को बढ़ावा देना अत्यंत निंदनीय है।
महिला एकता मंच की नेता देवी आर्य ने कहा कि मालधन में खोली गई शराब की दुकान मूल रूप से हाथी डगर क्षेत्र के लिए आबंटित थी, लेकिन भाजपा नेत्री दीपा भारती ने अपनी ऊंची पहुंच और आर्थिक लाभ के लालच में इसे गैरकानूनी रूप से गोपालनगर मालधन में अपने घर में खुलवा लिया।
उन्होंने बताया कि 2025-26 की नई आबकारी नीति की धारा 32 के अनुसार शराब पीने की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष निर्धारित है, लेकिन शराब ठेकेदार खुलेआम 21 वर्ष से कम आयु के युवाओं को शराब बेच रहे हैं। दुकान के बाहर खुलेआम प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, जिससे किशोर वर्ग को नशे की ओर धकेला जा रहा है।
महिला एकता मंच ने आरोप लगाया कि सरकार राजस्व में 5 हजार करोड़ की वसूली के लिए पूरे राज्य को नशे में डुबो रही है, जबकि संविधान के अनुच्छेद 47 के तहत राज्य का यह दायित्व है कि वह मादक पेयों पर नियंत्रण रखे और लोक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दे।
प्रेस वार्ता में बताया गया कि मेकडबल रम की 750 एमएल बोतल की उत्पादन लागत मात्र ₹105 है, जबकि इसकी बिक्री ₹660 में की जा रही है, जिस पर सरकार और ठेकेदारों को 500 प्रतिशत तक लाभ होता है। मालधन की शराब दुकान से सरकार ने ₹2 करोड़ का लक्ष्य तय किया है, जिसे पूरा करने के लिए जनता को नशे की ओर धकेला जा रहा है।
साथ ही, मंच ने स्वास्थ्य सेवाओं की दयनीय स्थिति पर भी चिंता जताई। मालधन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बीते 5 वर्षों से सर्जन, निश्चेतक, पैरामेडिकल स्टाफ, एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड जैसी बुनियादी सुविधाओं की मांग की जा रही है। मुख्यमंत्री पोर्टल पर अब तक 42 शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं। मंच ने मांग की कि हाल ही में नियुक्त 34 एक्स-रे टेक्नीशियनों में से एक को मालधन भेजा जाए ताकि वर्षों से बंद पड़ी डम्प एक्स-रे मशीन को शुरू किया जा सके।
3 मई को उपजिलाधिकारी द्वारा शराब की दुकान पर ताला लगाए जाने और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर दो दिन में सीएमएस से वार्ता कराने का वादा किया गया था, परंतु अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इससे स्पष्ट है कि अधिकारी जनहित में नहीं, बल्कि शराब माफिया के दबाव में कार्य कर रहे हैं।
महिला एकता मंच ने ऐलान किया कि “नशा नहीं, इलाज दो” अभियान जारी रहेगा। इसके तहत 9 मई को एसडीएम कार्यालय पर धरना और 13 मई से चक्का जाम किया जाएगा यदि 12 मई तक तीन सूत्रीय मांगों का समाधान नहीं किया गया। मंच ने इसकी पूर्ण जिम्मेदारी भाजपा सरकार पर डालते हुए कहा कि अब जनता चुप नहीं बैठेगी।
प्रेस वार्ता में देवी आर्य, रजनी, कौशल्या, शिवानी, उषा पटवाल, सरस्वती जोशी समेत कई महिलाएं उपस्थित रहीं।
